Inspirational song

बुनियाद हिलनी चाहिए

हो गयी है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए,
इस हिमालय से कोई गंगा निकालनी चाहिए

आज यह दीवार, पर्दों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी की ये बुनियाद हिलनी चाहिए

हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव के,
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
मेरी कोशिश है की ये सूरत बदलनी चाहिए

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,

हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए

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